लिखना मेरा शौक है पेशा नहीं आमदनी इसमें एक पैसा नहीं। लिखना मेरा शौक है पेशा नहीं आमदनी इसमें एक पैसा नहीं।
हवा टकरा, ज़रा धीरे मुझसे बना मिट्टी से हूँ, कच्चा हूँ मैं हवा टकरा, ज़रा धीरे मुझसे बना मिट्टी से हूँ, कच्चा हूँ मैं
हर मंज़िल पे रास्ता पक्का नहीं होता। हर मंज़िल पे रास्ता पक्का नहीं होता।
मगर चाहता हूँ जान लूँ के कहाँ पर अच्छा हूँ मैं। मगर चाहता हूँ जान लूँ के कहाँ पर अच्छा हूँ मैं।
ये बच्चे नहीं मन के सच्चे हैं। बच्चे सब समझते हैं। ये बच्चे नहीं मन के सच्चे हैं। बच्चे सब समझते हैं।
कोसोगे सरकार को फिर से गलती खुद ही किए जाओगे। कोसोगे सरकार को फिर से गलती खुद ही किए जाओगे।